भगवान नगेला की थाति #बजीरा लस्या कु एक होनहार हौंसिया ज्वान- ‘सचिन रावत’
जु बड़ा जोश-उलार दगडि काम कनू च।
एक तरफ समाज की विसंगतियों पर अपडा यूटयूब चैनल पर बन-बनि की वीडियो बणे तै प्रेरणा द्योणू च, त हैकि तरफां गढवाली कविता गीत गढभाषा मा लिखणू च।
पंद्र-पच्चीस उमर मा भाषा संस्कृति तै मयाळुपन लीक नै छ्वाळि कु अगने औण एक बेहतरीन तस्वीर च गढभाषा तै।
सचिन का गढवाली भाषा मा वीडियो बडा रोचक अर प्रेरक रंदन।
दहेज प्रथा, बेटी बचा- बेटी पढ़ा, पहाड़, पलायन, भाषा संस्कृति, जन भौत सारा मुद्दा छिन, जौं पर सचिन भला-भला वीडियो सजौणू च।
गौं मा ही सचिन की पूरी टीम तैयार च, या भौत बड़ी बात च कि एक बीस साल कु युवा, गौं मा ही अपणा दम पर बेहतरीन वीडियो शूटिंग, करीतै गढवाली भाषा कु प्रचार- प्रसार कनू च।
कलम भी बरौबर चलोणू च, कविता लिखणू च,
भाषा साहित्य पर अच्छी समझ बणौणू च।
‘कलश’ का कवि सम्मेलनों मा गौं का मंचों कु बडु महत्व रे, लगभग रूद्रप्रयाग का गौं-गौं तलक कलशन कविता का मंच सजैन तौंमा सचिन कु गौं #बजीरा लस्या मा ‘नागेंद्र इंटर काॅलेज’ मा भी #कलश सजी।
अर मंच पर पैलि बार सचिन कु कविता पाठ ह्वे ।
बस तखि बटि सचिन कु हौंसला इथ्या अगने बढ़ि, कि आज कविता-वीडियो समेत कै दिशा का विकल्प, सचिन मा दिख्येंणा छिन!
सचिन जनकवि #जगदंबाचमोला जी से प्रेरित ह्वेतै ही कविता गंठ्योण सीखी अर लिखण की शुर्वात करी।
कठिन विषम पारिवारिक परिस्थितियों दगडि कदमताल करीतै टैम निकाळी अपणु हौंस-उलार कलम बटि कविता लिखीतै, अर सामाजिक वीडियो बणै तै भैर छड़गौणू च।
हम ये बालक का आत्मविश्वास पर भरोसू करी सकदां कि जरूर औण वौळा टैम पर गढभाषा का पर्ति सचिन
यनि नया इनोवेटिव काम कर्दि रोलु।
कविता अबि शुरुआती दौर मा ही च पर गढवाली भाषा व्याकरण पर लिखण कु तरीका देखी आप भविष्य की आश उम्मीद करि सकदा










